BharOS छोड़ देगा एंड्राइड को भी पीछे। इतने तगड़े फीचर्स।








कुछ दिनों पहले भारत में गूगल को इस बात का दोषी ठहराया गया था कि वह एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में अपनी पोजीशन का दुरुपयोग कर रहा हैं

फाइन लगा तो गूगल ने यह तर्क दिया कि उस पर एक्शन से भारत में एंड्रॉयड ईको सिस्टम पर असर पड़ेगा और इससे भारतीय डिजिटल क्रांति का लक्ष्य कमजोर होगा मतलब इशारों इशारों में समझाने लगा कि तुम तो हम पर निर्भर हो काम रुक जायेगा इस तरह से बचाव की जगह वो धमकी दे रहा था कि मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में वो बादशाह है। 
पहले आप यह समझ लीजिए कि मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम होता क्या है
ऑपरेटिंग सिस्टम को स्मार्टफोन की आत्मा कहा जा सकता है ऑपरेटिंग सिस्टम वो प्लैटफॉर्म होता है जिस पर स्मार्टफोन काम करते हैं यह सॉफ्टवेयर होता है जिसकी मदद से स्मार्टफोन के सभी फीचर्स का इस्तेमाल किया जाता है।

अब आप जान लीजिए कि भारत के इस मेक इन इंडिया और मेड फ़ॉर इंडिया ओपरेटिंग सिस्टम में क्या क्या एंड्रॉइड और आईओएस से बेहतर है

नो डिफ़ॉल्ट ऐप्स फीचर

BharOS   ऑपरेटिंग सिस्टम नो डिफ़ॉल्ट ऐप्स फीचर से लैस है इसका मतलब हुआ की इस ऑपरेटिंग सिस्टम में पहले से कोई ऐप इंस्टॉल नहीं होगा है अपने देखा होगा जब आज आप कोई नया मोबाइल खरीदते है तो उसमें बहुत सारे एप्स पहले से ही इंस्टॉल रहते है चाहे आप इस्तेमाल करे या ना करे लेकिन BharOS
में कोई ऐप इंस्टॉल नहीं होगा इसका मतलब आने वाले समय मे जब आप नया फ़ोन लेंगे तो उसमें कोई भी एप्स पहले से नही आएंगे यूजर्स जिन ऐप का इस्तेमाल करना चाहेगा उसी को इंस्टॉल करेगा
एंड्रॉयड स्मार्टफोन में आप देखते होंगे कि पहले से इंस्टॉल ऐप्स को डिलीट भी नहीं किया जा सकता लेकिन BharOS के साथ ऐसा नहीं होगा इसमें पहले से एक भी ऐप इंस्टॉल नहीं होगा थोड़ी मेहनत लगेगी लेकिन अच्छी बात यह है कि जो नहीं चाहिए वह आएगा नहीं और जितना चाहिए उतना ही आएगा।

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम में नोटा फीचर भी है ये इलेक्शन वाला नोटा नही हैयह नोटा अलग है तो जानते है कि इसमें नोटा क्या है

नोटा = नेटिव ओवर द एयर ( Native Over The Air )

तो नोटा की वजह से BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम अपने आप अपडेट होता रहता है
सिक्योरिटी फीचर भी अपने आप अपडेट होते रहते हैं जिसकी वजह से डेटा लीक होने की संभावना बहुत कम हो जाती है इसकी तुलना में
एंड्रॉयड में  अपडेटेड के लिए बार बार मैसेज आता है उसे आपको मैनुअली अपडेट करना पड़ता है।

पास (Pass)

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम में एक और खास फीचर है

पास = प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विसेस

इसमें गूगल प्ले स्टोर के अलावा प्राइवेट ऐप स्टोर से भी सुरक्षित ऐप इंस्टॉल किए जा सकते हैं प्राइवेट ऐप स्टोर से भी वही ऐप इंस्टॉल होंगे जो सुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं।

BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम से जो सबसे बड़ा फायदा होगा वो डेटा सिक्योरिटी से जुड़ा है
गूगल के एंड्रॉयड और एप्पल के आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम वाले स्मार्टफोन का डेटा इन कंपनियों के पास रहता है
डेटा लीक होने की आशंका बढ़ जाती है
एंड्रॉयड स्मार्टफोन में कई ऐसे ऐप इंस्टॉल हो जाते हैं जो सुरक्षित नहीं होते
BharOS इसको इसलिए बनाया गया ताकि स्मार्टफोन में विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम स्मार्टफोन पर हमारी निर्भरता कम हो और स्वदेशी टेक्नॉलॉजी को बढ़ावा मिले
स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत क्यो थी भारत में जितने भी स्मार्टफोन है उनमें जो ऑपरेटिंग सिस्टम लगे हैं वह विदेशी कंपनियों की जिनमें पहला है गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम
दूसरा है एप्पल का आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम तीसरा है माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम होता है ब्लैकबेरी का रेम ऑपरेटिंग सिस्टम मतलब भारत का खुद का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम कभी था ही नहीं।



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